वो पल

वो पल


और फिर से याद आई

उस पल की,

जो हसीन था

थोड़ा रूखा सूखा,

थोड़ा रंगीन था

वापस नहीं आएगा

हमें यकीन था

जो था, सब ले गया

और, अच्छा है चला गया

उसपर आरोप बड़ा संगीन था

वो कुछ ज्यादा ही हसीन था

कुछ ज्यादा ही रंगीन था


उस एक पल में

मानो जीवन बिता

और अगले पल ने,

खुशियों को ऐसे लपेटा

जैसे दो पल के बीच,

सदियों का फासला,

कोई कैसे माने,

चहरे ने अपनी हसीं के पीछे,

कुछ आसुओं को कैसे समेटा


और फिर से याद आई

उस पल की

जिसने जीने का एक पहलू दिखाया

साँसे चल रही हैं,

इसका एहसास दिलाया

हाँ, जी भरकर ज़रूर रुलाया

पर आज,उस पल की याद,

हल्की सी मुस्कान भी ले आया

कभी-कभी ऐसा लगता है

शायद, उस पल ने ही,

मुझे मुझसे मिलवाया 


shingala_the_storyteller

Comments

Popular posts from this blog

सूत विश्वास का

वक़्त से दरख्वास्त

Reality vs Illusion