रंग - बेरंग
हमनें छोड़ दिया ज्यादा बात करना
अब कुछ कहने के लिए,
हमारी ख़ामोशी काफ़ी है
हमारी ख़ामोशी पर, शक मत करना
उसके अंदर छुपे तूफ़ान को अनदेखा मत करना
जब तक चुप है, ठीक है
वर्ना, हमारा रंग दिखाने के लिए,
हमारी नज़र ही काफ़ी है
हमने छोड़ दिया ज्यादा किताबें पढ़ना
सिखाने के लिए,
जिंदगी के कुछ लम्हे काफ़ी है
हमारी उम्र पर शक मत करना
बालों में छुपी सफ़ेदी को अनदेखा मत करना
आप हमें समझे, तो ठीक,
और न समझ पाए,
तो हमारा एक इशारा ही काफ़ी है
हमनें छोड़ दिया ज्यादा विश्वास करना,
दिल तोड़ने के लिए
बस एक झूठ ही काफ़ी है
हमारी सादगी पर शक मत करना
हसीं के पीछे छुपे दर्द को अनदेखा मत करना
क्योंकि, अगर आपको परख गए, तो ठीक
वर्ना, हमें फंसाने के लिए,
आपके दो मीठे बोल ही काफ़ी है
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