जवाब देना है
मुझे कुछ इस तरह महसूस हो गया
लव्स नहीं थे, एक सन्नाटा सा छा गया
न जाने कैसी खामोशी मेरे अंदर बैठी थी
पता नहीं, ये वक्त का कैसा साया बन गया
जब दिल से बात ज़ुबान तक पहोची
शब्द आँसू में बदल गया
क्यों , कैसे , पता नहीं,
दिन के बाद महीने , महीनो के बाद
आज करीब एक साल हो गया
क्या घड़ी का काटा सचमुच रुक गया
नए दशक का स्वागत करने ही वाले थे
नए सपने बुंदने ही वाले थे
इस दहशत का कारवाँ कैसे बनता गया
मुझे कुछ इस तरह मेहसूस हो गया
लव्स नहीं थे, एक सन्नाटा सा छा गया
पर हम डरे नहीं, मुहतोड़ जवाब देने का फैसला किया
अब आम इंसान भी खाखी और सफ़ेद वर्दी वाला बन गया
वैक्सीन को दुनिया के कोने कोने में पहुचाया
करीब ६ महीने में, एक आशा का दीप जलाया
ज़िन्दगी पटरी पर लौट ही रही थी
कम्बक्त वक्त फिर से ठहर गया
फिर से मुझे कुछ इस तरह मेहसूस हो गया
लव्स नहीं थे, एक सन्नाटा सा छा गया
हर मुकाबले में एक हार और जीत तो होती है
पर यह स्पर्धा कुछ और है
जीत पे ज़िन्दगी, हार पे मौत है
इस मोड़ पे अब एक ही रास्ता दीखता है
बांधे मुख पर मास्क, हमे सावधानी से आगे बढ़ना है
मुश्किलें हमारे हौसलों को तोड़ नहीं सकती
ईंट का जवाब, अभी हमे पत्थर से देना है

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